Detailed Notes on पारद शिवलिंग के फायदे
Detailed Notes on पारद शिवलिंग के फायदे
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आइए जानें, इसकी आराधना और स्थापना करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
कालरात्रि – क्लीं ऐं श्री कालिकायै नमः।।
स्फटिक एक प्राकृतिक क्रिस्टल है, जो अपनी शुद्धता और चमक के लिए जाना जाता है। स्फटिक शिवलिंग भी उतना ही शुभ और पूजनीय माना जाता है, जितना पारद शिवलिंग। आइए जानें इसकी महिमा को:
पारद के शिवलिंग को शिव का स्वयंभू प्रतीक भी माना गया है। रूद्र संहिता में रावण के शिव स्तुति की जब चर्चा होती है तो पारद के शिवलिंग का विशेष वर्णन मिलता है। रावण को रस सिद्ध योगी भी माना गया है, और इसी शिवलिंग का पूजन कर उसने अपनी लंका को स्वर्ण की लंका में तब्दील कर दिया था।
कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर युवती से रेप
असे झाले कि एका प्लेट मध्ये सफेद कापड ठेऊन त्यावर शिवलिंगाची स्थापना करावी.
सकारात्मक वातावरण: यह शिवलिंग नकारात्मक विचारों और भावनाओं से घर के सदस्यों की रक्षा करता है, जिससे घर में सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है।
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पारद शिवलिंग से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।
उपरोक्त विधि को करने के पश्चात आप बुधवार को अथवा अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र में इसे स्थापित get more info करें।
जो भी जातक इस शिवलिंग की पूजा करता है उसके घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। साथ ही उसे मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।
तत्क्षणद्विलयं यान्ति रसलिंगस्य दर्शनात्।।
कुबेर कुंजी की स्थापना त्रयोदशी तिथि में करें।
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